Ghazal

ओकर आँखिमे पानि नै देखलहुँ : करुणा झा

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■ मैथिली गजल

कनिको जकरामे हानि नै देखलहुँ
ओकर आँखिमे पानि नै देखलहुँ

जकर सृष्टि छै अनुपम ओ अद्भुत
ओकर घरमे सनशाइन नै देखलहुँ

नाक कटल नककटाके दाबी अजूबा
नककटाकेँ कहियो डिवाइन नै देखलहुँ

भोरेसँ खाइत रहत हरदम छुछुआइत रहत
हराशंख सभकेँ नकमाइन नै देखलहुँ

लूटि लेलक बोलीसँ पीबि लेलक कोठा
जुल्मी बड्ड देखेलहुँ, जुल्माइन नै देखेलहुँ

निकसैत खनिज, द्रव्य धरतीक कोखिसँ
निर्धन निकासैत जे ‘माइन’ नै देखलहुँ

पीबिक’ एहि मस्त जगत, पापी आ देवभगत
हमरा जे नाशत से वाइन नै देखलहुँ

■ गजलकार : करुणा झा

झा मैथिली साहित्य क्षेत्रक एक सशक्त कवयित्री छथि। हिनकर ‘भगजोगनी’ कविता, ‘जीवन-दान’ लघुकथा आ ‘फाटल हृदय’ गजल संग्रह प्रकाशित भेल अछि। उक्त गजल ‘फाटल हृदय’ सँ लेल गेल अछि। कवयित्री झा गजल विधामे नव-प्रवेशिका छथि। बहुतो गजल नीक जकाँ निखरल अछि। जइँमे राज्यक दुष्स राजीनीति आ समाजक विकृतीपर सत्य, तीत आ चोटगर प्रहार कएने छथि। झा नेपालीय मिथिलासँ पहिल महिला गजलकार छथि जेकर गजलक पोथी प्रकाशित भेल अछि।

विद्यानन्द बेदर्दी

Vidyanand Bedardi (Saptari, Rajbiraj) is Founder member of I Love Mithila Media & Music Maithili App, Secretary of MILAF Nepal. Beside it, He is Lyricist, Poet, Anchor & Cultural Activist & awarded by Bisitha Abhiyanta Samman 2017, Maithili Sewi Samman 2022 & National Inclusive Music Award 2023. Email : [email protected]

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