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मोदीक खिलाफ विपक्षी दल कते कमजोर अछि?

हम ने तँ कोनो राजनीतिक दलक प्रति प्रतबद्ध छी, ने कोनहु दलक कार्यकर्ता छी; मुदा जैँकि गणतांत्रिक देशक एक स्वतंत्र बोध रखनिहार नागरिक छी तैँ देशक राजनीतिक गतिविधिसँ उदासीनो नहि रहि सकैत छी। बस तँहि वर्तमान परिप्रेक्षमे अपन विवेचना व्यक्त करबासँ अपनाके रोकिओ नहि पबैत छी। अस्तु, आइ राजनीतिक चर्चा :-

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मोदीक खिलाफ देशक विपक्षी दल कते कमजोर अछि? ई विपक्ष ईडी आ सीबीआईक छापा तथा जांचक खिलाफ राहत पएबाक लेल सर्वोच्च न्यायालयमे एक याचिका दायर कयलक। आ से कथी लेल, तँ मात्र एहिलेल जे कहुना क’ अवैधानिक तरीकासँ अर्जित संपत्तिक रक्षा क सकय। ध्याननीय पक्ष ई छै जे नेतागण लोकनि लग जे ई विधानक मर्यादा तोडि धनक अम्बार लागल छै से हमरालोकनि सन देशक सामान्य जनक, करदाताक राशि छै। मोदी अपन कार्यकालक पछिला आठ वर्षमे 96,000 करोड़ टाकाक नकदी, अवैध परिसंपत्ति, बेनामी भूमि आदि जब्त कयलक अछि। जाहिमे अधिकांश एही नेतालोकनिक लगक छै।

विपक्ष एहि निष्कर्ष पर पहुंचल अछि जे ओ है मोदीसँ राजनीतिक रूपसँ नहि लड़ि सकैत अछि आ हिनकालोकनिके एजेंसी सभसँ पहिने जकाँ राहत नहि भेटत। एकरा अतिरिक्त ई लोकनि अपन संतानक हेतु आ चुनावी उद्देश्यक हेतु पर्याप्त जमाखोरी करबामे असमर्थ भ’ गेल अछि। तैँ ईलोकनि राहत पएबाक आश लगौनी न्यायालयक दरबाजा खटखटौलनि। किंतु असफल रहलाह।

ई विरोध बौद्धिक रूपसँ सेहो बहुत कमजोर अछि। विपक्षके 2019 निर्वाचनमे पराजयक सामना करए पड़ल रहैक जखन कि ओसभ भाजपाके पराजित करबालेल महागठबंधनक गठन कएलक। पूरा-पूरी विफल रहल आ मोदी के पहिनेसँ पैघ जनादेश भेटल रहैक। फेर वैह विपक्ष अपन पछिअला विफलताक अध्ययन कएने बिनु ओहीप्रकारक महागठबंधनक प्रयासमे लागल अछि। किंतु हिनकालोकनिक लग मोदी के चुनौती देबालए कोनहु वैकल्पिक विचार नहि छनि।
ई विपक्षी विरोध, देशमे भ’ रहल विकास, जन-गण्के देल गेल कल्याणकारी उपाय; रेलवे, रक्षा, सड़क आदिक निर्माण; अंतरीक्ष ओ कतेक आन क्षेत्रमे अनुसंधानक अध्ययन करबामे विफल रहल अछि। आठ-नौ वर्ष पहिने कांग्रेस पार्टी चर्चा करैत रहए जे की गरीब-दीनलोकनिक लेल 50 टाका पर्याप्त छै। अब चर्चा एक्सप्रेस-वे, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, वंदे भारत ट्रेन, बुलेट ट्रेन आदि के विषयमे भ’ रहल छै।

प्राप्त कएल गेल विकासक कारणेँ स्वाभाविक रूपसँ जन-गणक आवश्यकता, जरूरति सराहनीय रूपसँ परिवर्तित भ’ चुकल छै। विपक्ष अपन साशनाधीन राज्यक विकास पर ध्यान केंद्रित करबाक अपेक्षा बजाय मोदीक कुवाक्य कहब आपन कार्य्पद्धति बना रखने अछि। न्यायालय, एलेक्शन कमीसन, स्वायत्त संस्था, ईवीएम से छेड़छाड़ बस सभ दिन एतबहि गीत गबैत समय खेपलक अछि। ने कोनो आर्य्योजना आ ने कोनो नूतन संकलपना जनताक समक्ष राखि सकल अछि।

केंद्र सरकारक विरुद्ध प्रतिशोधक राजनीतिक इन विरोधी नेतालोकनिक दावा के जनता द्वारा नजरअंदाज क’ देलाक कारणेँ एजेंसी द्वारा अत्याचारक बहाना बना रहल छथि। जनता के ई नीक जकाँ बुझल छै जे ई संस्थान जतेक जाँच क’ रहल अछि ताहिमे सँ एक्कहु टाक प्राथमिकी वर्तमान सरकार नहि कएने अछि। ई सभ समय-समय पर इएह राजनीतिक दल द्वारा एक दोसरा पर लगाओलगेल छै। कतिपय कार्र्वाई तँ न्यायालयक आदेश पर चलि रहल छै। जनताके ई नेतालोकनिक हथकण्डा नीक जकाँ बुझल छै। तैँ ओ एहन-एहन मुद्दा पर विचार करबालेल प्रस्तुत नहि अछि।

जखन जनता राहुल गांधीक दोषसिद्धि आ बादमे संसदसँ अयोग्य घोषित कएल जेबाक अनदेखी क’ देलक तँ एहि भ्रष्टलोकनिक बेचैनी बढ़ब अनिवार्य बनि गेल। भ्रष्ट विपक्षी दलक नेतागण अपन भ्रष्टाचारक औचित्य साबित करबाक लेल एक मंच पर एक संग आबि रहल छथि, हिनकासभ लग कोनो आन उपाय नहि छनि। एहिसँ पहिने कहियो विपक्षी दल किसी एहि प्रकारेँ भ्र्ष्टाचारक न्यायोचित ठहरयबाक मुद्दापर एकठ्ठा नहि भेल रहय। सत तँ ई छै जे ई हुनकरलोकनिक मूर्खताके प्रदर्शित करैत अछि, आ जनताक उपहासक पात्र बनबालेल अपन कृत्यके के उजागर करबालेल प्रस्तुत भ’ रहल छथि।

लेखक: राजनाथ मिश्र

  • लेखके भाषा शैली आंशिक रूपसँ मात्र सम्पादन कएल गेल अछि।

कैलाश कुमार ठाकुर

कैलाश कुमार ठाकुर [Kailash Kumar Thakur] जी आइ लभ मिथिला डट कमके प्रधान सम्पादक छथि। म्यूजिक मैथिली एपके संस्थापक सदस्य सेहो छथि। Kailash Kumar Thakur is Chef Editor of ilovemithila.com email - [email protected], +9779827625706

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